तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ आप जलंधर असुर https://shivchalisas.com